खाकी खाकी वर्दी जिसकी,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
तर्ज – तेरी मंजी थल्ले कौण।
कांधे ऊपर धरी दौनाली,
कांधे ऊपर धरी दौनाली,
काली पेट्टी आला कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
दे शिशकारी खाड़े म्ह खेल्लै,
दे शिशकारी खाड़े म्ह खेल्लै,
रै यौ खेल्लण आला कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
शहर सफिदों कदे मूरथल पावै,
शहर सफिदों कदे मूरथल पावै,
पक्के पुल पै बैठया कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
होक्के की यो घूंट लगावै भरी पंचैत म्ह,
बोल सूणावै रै यौ मुच्छां आला कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
हर्षित सोनी इसकी टहल बजावै,
मदन सिहं जिसकी रात जगावै,
लाज बचावण आला कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
खाकी खाकी वर्दी जिसकी,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब,
हे यौ घोड़े आला कौण,
बाबा बोरी साहब।।
गायक – हर्षित सोनी।
लेखक – मदन भारद्वाज।
प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी।
9996800660








