चालों मंडफिया नगरी माय,
सांवरियो सेठ बिराजे जी,
है सेठा को यो सेठ,
सांवरियो सेठ कहावे जी,
म्हारा सांवरिया री मूरत,
मारें मनडे भावे जी,
कई करूं मनवार थे,
मुखड़ा सु मुंडे बोलो जी,
मारा किस्मत रा ताला ने,
सांवरा अब तो खोलो जी।।
मारो सांवरियो सुप्रीम कोर्ट है,
न्याव करावे जी,
सब कुंवारा लोेगा रो सावरों,
ब्याव करावे जी,
सब बेना रे सांवरियो,
मारो मायरो भरावे जी,
घणी सुणी महिमा में थारी,
लीला जग सु न्यारी जी,
में रेई ग्यो हु कुंवारों,
सेट कराजो कुंवारी जी।।
मारा सांवरिया री कृपा सु,
मारो धंधों चाले जी,
मारो सांवरियो रखवालों,
धंधों ए वन चाले जी,
मारो सांवरियो चलावे,
नंबर वन पे चाले जी,
तू मारो है ठाकर सांवरा,
मैं हु थारो चाकर जी,
मैं धन्य हो यो सांवरिया,
मंडफीया नगरी आकर जी।।
हो कोई सांवरिया री महीमा,
लिखने हरीश गावे जी,
यो सिरोड़ी रो कमलेशियो,
चरणा में आवे जी,
मारा सांवरिया रा मंगला रा,
दर्शन यो पावे जी,
अरे करदो बेड़ों पार सांवरिया,
अब ना होवे वेट जी,
मैं चरणा ऊबा थारे,
सिस्टम करदो सेट जी।।
चालों मंडफिया नगरी माय,
सांवरियो सेठ बिराजे जी,
है सेठा को यो सेठ,
सांवरियो सेठ कहावे जी,
म्हारा सांवरिया री मूरत,
मारें मनडे भावे जी,
कई करूं मनवार थे,
मुखड़ा सु मुंडे बोलो जी,
मारा किस्मत रा ताला ने,
सांवरा अब तो खोलो जी।।
गायक – हरीश सुथार।
9537254958








