हम भीड़ नहीं है बाबा,
हम दीवाने है तुम्हारे,
तुम खाटू से भी ज़्यादा,
दिल में रहते हो हमारे।।
हमने नहीं देखे बाबा,
अपने कैसे होते थे,
कैसी होती थी खुशियाँ,
सपने कैसे होते थे,
खुशियाँ सपने और अपने,
दूजे है नाम तुम्हारे,
तुम खाटू से भी ज़्यादा,
दिल में रहते हो हमारे।bd।
महफूज हुए हम बाबा,
जीवन में तुमको पाकर,
थामा है तुमने हमको,
दुखड़ो से भी पहले आकर,
जब जब भी हम रोए है,
छलके है आँसू तुम्हारे,
तुम खाटू से भी ज़्यादा,
दिल में रहते हो हमारे।bd।
जैसे मछली बिन पानी,
तड़पे है श्याम मुरारी,
वैसे ही ‘कपिल’ को बाबा,
चाहत है एक तुम्हारी,
दिल ही खाटू है हमारा,
और तुम धड़कन हो प्यारे,
तुम खाटू से भी ज़्यादा,
दिल में रहते हो हमारे।bd।
हम भीड़ नहीं है बाबा,
हम दीवाने है तुम्हारे,
तुम खाटू से भी ज़्यादा,
दिल में रहते हो हमारे।।
Singer – Sanjay Mittal
Lyrics – Kapil Sharma








