श्रीयादे माताजी री आरती,
मैं गावा बारम्बार जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
झालामण्ड में धाम सोवनो,
ध्वजा फरुके असमान जी,
सुमेरपुर में धाम सोवनो,
ध्वजा फरुके असमान जी,
सूरज सामी धाम आपरो,
मूरत मनडे भाय जी,
मूरत लागे सोवनी मां,
भगतो रे मनडे भावे जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
माही बीज रो जन्म धरायो,
जालंधरा कुल रे माय जी,
भक्ति करी मां श्रीयादे जी,
बछिया तारीया चार जी,
श्रीयादे माता री लीला न्यारी,
महीमा अपरम्पार जी,
साचे मन सु जो नर ध्यावे,
करदे भवसु पार जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
भगत खड़ा दरबार आपरे,
सुनो भगता री अरदास जी,
ढोल नगाड़ा बाजे नोपता,
झालर री झनकार जी,
सांझ सवेरे होवे आरती,
नारेला री ज्योत सवाय जी,
मेवा मिठाई चढे चूरमो,
श्रद्धा रे आधार जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
आरतीया री वेला आप पधारो,
देवो दर्शन आय जी,
जो कोई ध्यान धरे माताजी रो,
मनवांछित फल पावे जी,
प्रजापति कुल थाने मनावे,
नित उठ जोडे हाथ जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
रायपुर सु मनीष सीरवी,
जुग जुग चरना माय जी,
किशोर नीरु प्रजापति मैया,
चरना मे शिश निवावे जी,
*जोगाराम* थोरी गावे आरती,
धरजो सिर पर हाथ जी,
प्रियंका प्रजापति गावे आरती,
रखियो छत्तर छाया जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
श्रीयादे माताजी री आरती,
मैं गावा बारम्बार जी,
भगत शिरोमणि री आरती,
मैं गावु सुबह ओर शाम जी।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत एवं प्रियंका जी प्रजापत।
लेखक – मनीष सीरवी रायपुर।
9640557818