जो गिरते को संभाले,
वही तो श्याम है,
जो संकट से निकाले,
वही तो श्याम है।।
लाडो बेटी हुई सयानी,
बाप की आंख में आ गया पानी,
कैसे इसका ब्याह कराऊ,
इतना पैसा कहां से लाऊं,
जो आके लाज बचा ले,
वही तो श्याम है,
जो संकट से निकाले,
वही तो श्याम है।bd।
बच्चों को मां छोड़ गई है,
जग से नाता तोड़ गई है,
रो रो कर तुझे पुकारे,
कौन देगा हमें सहारे,
जो अपना समझ के पाले,
वही तो श्याम है,
जो संकट से निकाले,
वही तो श्याम है।।
अंधे की लाठी बन जाओ,
हारे के साथी बन जाओ,
श्याम कहे कर उनकी सेवा,
श्याम के प्यारे तुम बन जाओ,
जो देता इन्हें सहारे,
वही तो श्याम है,
जो संकट से निकाले,
वही तो श्याम है।bd।
जो गिरते को संभाले,
वही तो श्याम है,
जो संकट से निकाले,
वही तो श्याम है।।
गायक / लेखक – श्याम अग्रवाल जी।