ब्याह दी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
घड़ी घड़ी गांजो मांगे,
भोलो चिलम लगाबाने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
तन पर कपड़ों थारे नहीं,
पहरण भूलयो गाभा ने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
कलबल कीड़ा माथा में,
गले में नाग डराबा ने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
कीकर मनडो बहलाउ,
सखिया नहीं बतला बाने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
ढंग जानती जो पहले मैं,
क्यों रोती आबा ने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
मैं बोली भोले बाबा,
ले चल कभी घुमा बाने,
ले गयो समसाना में,
भोलो राख चढ़ा बाने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
तू ही बता मारा मालुणी,
कुण ने लाउ समझावां ने,
ब्याहदी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
ब्याह दी अमली बाबा ने,
तरसू पीहर जाबा ने।।
गायक – रामकुमार जी मालुणी।