चूरूपति श्री बाबोसा,
भक्तो के भगवान,
बाबोसा के नाम से ही,
हो जाता कल्याण।।
कलयुग के अवतारी है,
चमत्कार दिखलाय,
संकट मोचन बाबोसा,
करते सदा सहाय।।
बल बुद्धि और विधा के,
कहलाते दातार,
सुख सम्पति यश वैभव से,
भरते ये भंडार।।
घर घर में हो श्री बाबोसा,
बाईसा का संकल्प,
भक्तो के कल्याण का,
ओर न कोई विकल्प।।
महिमा श्री बाबोसा की,
कैसे करूँ गुणगान,
भूल चुक मेरी माफ करो,
बाबोसा भगवान।।
“दिलबर” मेरे रोम रोम,
बसे बाबोसा भगवान,
श्री बालाजी बाबोसा,
धरूँ तुम्हारा ध्यान।।
चूरूपति श्री बाबोसा,
भक्तो के भगवान,
बाबोसा के नाम से ही,
हो जाता कल्याण।।
गायिका – सम्यता बेनर्जी मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
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