चरणों से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर,
आए नहीं जो आज तक,
आए नहीं जो आज तक,
आएंगे वो जरूर,
चरणो से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर।bd।
दर दर भटक के हार के,
झोली पसार के,
आना पड़ेगा एक दिन,
सबको ही द्वार पे,
दुनिया के सारे सेठों के,
ये है बड़े हुजूर,
चरणो से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर।bd।
जिसने लगाई श्याम के,
दरबार हाजरी,
किसी और दर पे जाने की,
दरकार ना पड़ी,
दर दर भटकना प्रेमी का,
इनको नहीं मंजूर,
चरणो से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर।bd।
कलयुग का जोर दिन-ब-दिन,
बढ़ता ही जाएगा,
एक श्याम का ही नाम है,
जो काम आएगा,
ऐसे दयालु सेठ पर,
क्यों ना करे गुरुर,
चरणो से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर।bd।
चरणों से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर,
आए नहीं जो आज तक,
आए नहीं जो आज तक,
आएंगे वो जरूर,
चरणो से मेरे श्याम के,
कब तक रहेंगे दूर।bd।
Singer / Lyrics – Shubham Rupam Ji