जिसकी ऊँगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है,
खाटू में लगा कर बैठा जो दरबार है,
मेरा यार है वो मेरा यार है,
जिसकी उंगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है।।
तर्ज – कबतक चुप बैठे अब तो।
कोई हमसे पूछ के देखो,
कैसे ये नाम है करता,
भगतो से पूछ कर देखो,
कैसे ये काम है करता,
इनके भगतो के आगे,
सब लाचार है,
मेरा यार है वो मेरा यार है,
जिसकी उंगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है।।
जीते की दुनिया सारी,
हारे के ये है सहारे,
गिरते को आप उठाते,
ऐसे है श्याम हमारे,
जो कहलाते दुनिया में,
लख दातार है,
मेरा यार है वो मेरा यार है,
जिसकी उंगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है।।
दुनिया में देव हज़ारो,
पर ये है मेरे अपने,
खाटू जाके ही सबके,
सच्चे होते सारे सपने,
बस इनके भरोसे,
‘मित्तल’ का परिवार है,
मेरा यार है वो मेरा यार है,
जिसकी उंगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है।।
जिसकी ऊँगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है,
खाटू में लगा कर बैठा जो दरबार है,
मेरा यार है वो मेरा यार है,
जिसकी उंगली पे चलता ये संसार है,
वो खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है।।
स्वर – कन्हैया मित्तल।
प्रेषक – वासुदेव शर्मा
8442023639
जय श्री श्याम बहुत ही मेनहाक् भजन है
Very bhajan