रुणिचा जावा री,
मारे मन में जची,
मारो रामापीर हेला पाड़े रे,
म्हारो बाबा हेला पाड़े।।
बाबा थारी कृपा रेवा दे,
माने भी सेवा करवा दे,
थे रुणिचा रा हो राजवी,
पैदल पैदल बुलबा दे।।
लीलो घोड़ो नवलखीयो रे बाबा,
भल हल भालो सोवे,
धोरा धरती जन्म लियो थे,
धोली ध्वजा फहरावे।।
बाबा पैदल-पैदल थारे आऊ,
थारां ही में दर्शन पाऊं,
जात जडूला थारे चढ़ाऊ,
जोड़ा सु में धोक लगाऊ।।
गांव गांव भंडारा लागे,
भगत सगला नाचे रे,
ढोल नगाड़ा बाजे नौबता,
जोता जगमग जागे।।
नित उट बाबा करू सेवना,
थारा ही गुण गांउ में,
थारे चरण में करन प्रजापत,
अपनों शीश नवावे।।
रुणिचा जावा री,
मारे मन में जची,
मारो रामापीर हेला पाड़े रे,
म्हारो बाबा हेला पाड़े।।
Singer – Karan Prajapat
7976613498