सांवरिया का बैंक माही,
खातो खुलवायो,
मारा घर में खुशिया मारो,
ठाकुर लेके आयो,
अरे मारो साँवरो भरदया है भंडार,
और थासु काई मांगू,
काई मांगु थासु काई मांगू,
मारो साँवरो कर दीदा घर में ठाट,
बटवा मे फोटू थाको राकू,
मारा सेठजी करदीदा मारे ठाट,
और थासु काई मांगू।।
मारो कारोबार सगलो,
थाने हि भलायो,
जुपड़ी की ठोर मारे,
बंगलो बणायो,
मारा दुखड़ा मेट्या रे मारो श्याम,
दिल माहि थाने राकू,
थाने राकू रे दिल माहि राकू,
खोटा सिक्का ने चमकायो,
मारा श्याम,
चरणा मे थाके धोक लागु,
मारो सेठ लुटाया भंडार,
ले ले मैं थाकू।।
अरे रोड सु उठार माने,
हीरो तु बणायो,
त्रिलोकी रो नाथ मारो,
मंडपिया पुजायो,
थाकि गोरमेंट है सबसे,
सुपर फास्ट,
दुनिया के पाचे नही भागु,
अरे नही भागु रे मैं तो नही भागु,
गाड़ी सकार्पियो दिलाई,
मारा श्याम,
किस्ता को लपड़ो नही राकू,
सेठ सांवरा की फौज मांडे मौज,
मैं भी वाके लारे लागु।।
सांवरिया का नाम सु,
धंदो जो चलायो,
दूध की डेरी वाला को,
धंदो जो बढ़ायो,
ओर पतासा वाला को करदियो नाम,
गाडी पे नाम थाको राकू,
अरे सेठ को राकू रे,
नाम सेठ को राकू,
ए मारी सरकारी लगादीजो जॉब,
पेली तनका थाके नाकू,
‘बबलू बनवारी’ गावे रे,
भजना जोर,
नौकर मैं तो थाको हि बाजु।।
सांवरिया का बैंक माही,
खातो खुलवायो,
मारा घर में खुशिया मारो,
ठाकुर लेके आयो,
अरे मारो साँवरो भरदया है भंडार,
और थासु काई मांगू,
काई मांगु थासु काई मांगू,
मारो साँवरो कर दीदा घर में ठाट,
बटवा मे फोटू थाको राकू,
मारा सेठजी करदीदा मारे ठाट,
और थासु काई मांगू।।
गायक – बबलू जी राजस्थानी।
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560