सिवरिया आवो जी महाराज,
गजानंद राखो म्हारी लाज।।
सारा पहली गजानंद आप ने मनावु,
रिध्द सिंध्द के दातार,
गणपत दैव सकल का राजा,
आप बीना जिवडो नाराज,
गजानंद राखो म्हारी लाज।।
माता शारदा तुम्हे मनावु,
सारा बजावु साज,
आठ पहर करू विनती,
दर्द भरी आवाज,
गजानंद राखो म्हारी लाज।।
ब्याव सगाई मे थानै नुते,
जिमण कि नुतयार,
मुसक कि सवार बेगा पधारो,
सारा सिधारो काज,
गजानंद राखो म्हारी लाज।।
गुरू हरदेव जी सतगुरू दाता,
थे म्हारा सिर का ताज,
तोलाराम पर किरपा करज्यो,
दिन बंधु महाराज,
गजानंद राखो म्हारी लाज।।
सिवरिया आवो जी महाराज,
गजानंद राखो म्हारी लाज।।
गायक – मनोहर परसोया किशनगढ।