बरसाने में बंगला देखा,
बंगला राधे रानी का,
कितना पावन प्रेम बरसता,
कितना पावन प्रेम बरसता,
ठाकुर और ठाकुरानी का।bd।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
उड़न खटोला बरसाने के,
बैठ बधाई गाई हो,
बैठ बधाई गाई हो,
रह रह के वो छवि निहारी,
नैनो बीच समाए वो,
नैनो बीच समाए वो,
धन्य हुआ है जीवन सारा,
क्या रुतबा महारानी का,
बरसानें मे बंगला देखा,
बंगला राधे रानी का,
कितना पावन प्रेम बरसता,
कितना पावन प्रेम बरसता,
ठाकुर और ठाकुरानी का।bd।
आंखें चार हुई तो टप टप,
असुअन धारा बह निकली,
असुअन धारा बह निकली,
प्रेम भाव का उठा हिलोरा,
रूठी किस्मत भी बदली,
रूठी किस्मत भी बदली,
छूकर जैसे मुझको निकला,
आंचल राधे रानी का,
बरसानें मे बंगला देखा,
बंगला राधे रानी का,
कितना पावन प्रेम बरसता,
कितना पावन प्रेम बरसता,
ठाकुर और ठाकुरानी का।bd।
जन्म जन्म ‘लहरी’ किरपा ये,
कुंज किशोरी पाऊं मैं,
कुंज किशोरी पाऊं मैं,
बिछा रहूं इन पद कमलों में,
चरणामृत रज पाऊं मैं,
चरणामृत रज पाऊं मैं,
तन मन हारा हाल कहूं क्या,
होश कहाँ गुण ग्यानी सा,
बरसानें मे बंगला देखा,
बंगला राधे रानी का,
कितना पावन प्रेम बरसता,
कितना पावन प्रेम बरसता,
ठाकुर और ठाकुरानी का।bd।
बरसाने में बंगला देखा,
बंगला राधे रानी का,
कितना पावन प्रेम बरसता,
कितना पावन प्रेम बरसता,
ठाकुर और ठाकुरानी का।bd।
स्वर – उमा लहरी जी।
लेखन – सी.एस. लहरी जी।
प्रेषक – अभिलाष तिवारी।
7000400014









Yah gana mujhko bahut badhiya lagta hai man ko Shanti mil jaati hai yah gana sunane se
Bus main yahi kahana chah Raha Hun ki yah gane ki mujhmein per lyrics aati rahe aur main padhta rahun mere jivan ka bus ek hi Rahasya hai main rishta nahin to padhun aur suno aur Bhagwan ke bhajanon mein gam ho jaaun aur kisi ko bhi nahin pata karne do ki main Kahan per hun