तुम्हारे चरणों में हमने देखा,
गजब की ममता बरस रही है,
तुम्हारे दर्शन की आस में माँ,
तुम्हारे दर्शन की आस में माँ,
हमारी अंखियां तरस रही है,
तुम्हारे चरणो में हमने देखा,
गजब की ममता बरस रही है।bd।
तर्ज – तुम्हारी नज़रों में हमने देखा।
सुना है तेरी कृपा निराली,
सुना है तेरी कृपा निराली,
जो दर पे आया गया ना खाली,
तुम्हारे आंचल की छांव में माँ,
तुम्हारे आंचल की छांव में माँ,
दया की सरिता छलक रही है,
तुम्हारे चरणो में हमने देखा,
गजब की ममता बरस रही है।bd।
मिला सहारा जो जग से हारा,
मिला सहारा जो जग से हारा,
फसा भंवर में हुआ किनारा,
तुम्हारी दृष्टि पड़ी है जिस पर,
तुम्हारी दृष्टि पड़ी है जिस पर,
माँ उसकी किस्मत संवर रही है,
तुम्हारे चरणो में हमने देखा,
गजब की ममता बरस रही है।bd।
तुम्हारे चरणों में हमने देखा,
गजब की ममता बरस रही है,
तुम्हारे दर्शन की आस में माँ,
तुम्हारे दर्शन की आस में माँ,
हमारी अंखियां तरस रही है,
तुम्हारे चरणो में हमने देखा,
गजब की ममता बरस रही है।bd।
स्वर – अंकिता मिश्रा।
रचना व संगीत – पुष्कर कुमार।