तू तो सब जाने रे,
 तेरे से क्या छानी रे,
 शरण पड्यो हूँ बाबा,
 देख मेरे कानी रे।।
वांड के खड्यो हूँ झोली,
 खाली को ना जाऊ रे,
 टाबरा ने जाके कुणसो,
 मुखडो दिखाऊं रे,
 धीर तो बँधाऊँ जाके,
 दे दे क्यों निशानी रे,
 शरण पड्यो हूँ बाबा,
 देख मेरे कानी रे।।
मैं तो सुणी हूँ दोनों,
 हाथा से लुटावे रे,
 दुनिया में बाबा,
 लखदातार तू कहावे रे,
 काई में बिगड्यो तेरो,
 क्यों रे बेईमानी रे,
 शरण पड्यो हूँ बाबा,
 देख मेरे कानी रे।।
दोनों टेम रोज तेरी,
 चाकरी बजास्यु रे,
 मेरे घरा आवोगा तो,
 ज्योत भी जगास्यु रे,
 “लहरी” बोलो साँची झूटी,
 प्रीत के निभाणी रे,
 शरण पड्यो हूँ बाबा,
 देख मेरे कानी रे।।
तू तो सब जाने रे,
 तेरे से क्या छानी रे,
 शरण पड्यो हूँ बाबा,
 देख मेरे कानी रे।।
			






