मैं हूं जिंदल मैं हूं बिंदल,
मैं हूं बंसल मैं हूं कंसल,
तेरे सारे ही गोत्र महान,
म्हारे अग्रसेन जी,
सब तेरी ही है संतान,
म्हारे अग्रसेन जी।।
मैं हूं गोयल मैं हूं तायल,
मैं हूं मंगल मैं हूं सिंघल,
तेरे नाम से ही है पहचान,
म्हारे अग्रसेन जी,
सब तेरी ही है संतान,
म्हारे अग्रसेन जी।।
मैं हूं मित्तल मैं हूं कुछल,
मैं हूं ऐरन मैं हूं गोयन,
तेरी सबसे निराली शान,
म्हारे अग्रसेन जी,
सब तेरी ही है संतान,
म्हारे अग्रसेन जी।।
मै हूं नांगल मै हूं तिंगल,
मै हूं धारण मै हूं भंदल,
सारे बेटों की तू है जान,
म्हारे अग्रसेन जी,
सब तेरी ही है संतान,
म्हारे अग्रसेन जी।।
मैं हूं मधुकुल मैं हूं गर्ग,
संजय को है गर्व,
तेरा दुनिया में है बड़ा नाम,
म्हारे अग्रसेन जी,
सब तेरी ही है संतान,
म्हारे अग्रसेन जी।।
मैं हूं जिंदल मैं हूं बिंदल,
मैं हूं बंसल मैं हूं कंसल,
तेरे सारे ही गोत्र महान,
म्हारे अग्रसेन जी,
सब तेरी ही है संतान,
म्हारे अग्रसेन जी।।
लेखक व गायक – श्री संजय अग्रवाल जी रायगढ़।
मोबाइल – 81094 59555
प्रेषक – प्रदीप सिंघल।







