लीलण म्हारो तेजल सिणगार्यो,
दोहा – जाटा में तेजो हुयो,
दूजा धन जी जाट,
तीजी कर्मा जाटनी,
जारे अन धन रा भंडार।
बांकडळी मूंछा पर पचरंग,
पागड़ळी धारयो,
लीलण म्हारो तेजल सिणगार्यो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
भाभजड़ी रो बोल काळजै-२,
जटको सु लाग्यो ऽऽऽ,
लीलण मारो तेजल सिंगारयो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
जौशी कर दियो नाट जाट को-२,
जायो नही हार्यो ऽऽऽ,
लीलण मारो तेजल सिंगारयो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
नजर उतारी भाभज नैना-२,
काजळीयो डार्यो ऽऽऽ,
लीलण मारो तेजल सिंगारयो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
कड़वा बोल्या मोर शाळीयो-२,
जंगल हुंकार्यो ऽऽऽ,
लीलण मारो तेजल सिंगारयो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
मील पैमल सु गाया रे हीत-२,
मीणा ललकार्यो ऽऽऽ,
लीलण मारो तेजल सिंगारयो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
मालुणी की नाव भंवर से-२,
तेजाजी तार्यो ऽऽऽ,
लीलण मारो तेजल सिंगारयो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
बांकडळी मूंछा पर पचरंग,
पागड़ळी धारयो,
लीलण मारो तेजल सिणगार्यो,
धौळ्या रो जायो सासरीये चाल्यो।।
गायक – रामकुमार जी मालुणी।
प्रेषक – कुलदीप मेनारिया।
कृष्ण नगर आलाखेड़ी।
9799294907