Tag: सुन में जाय समाता रे

राजस्थानी भजन

जुग में गुरु समान नहीं दाता राजस्थानी भजन लिरिक्स

जुग में गुरु समान नहीं दाता, दोहा – गुरु बिणजारा ज्ञान रा, और लाया वस्तु अमोल, सौदागर साँचा मिले, वे […]

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