थारे खुशी पड़े तो मानजे रे सतगुरु समझावे रे लिरिक्स

थारे खुशी पड़े तो मानजे रे सतगुरु समझावे रे लिरिक्स

थारे खुशी पड़े तो मानजे रे, सतगुरु समझावे रे। दोहा – अमल तंबाकू छुतरा, सुरा पान सु हैत, नानक नरका जाएगा, अपने कुल …

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