बिना बाप को बेटो बिगड़े बिना मात की छोरी लिरिक्स
बिना बाप को बेटो बिगड़े, बिना मात की छोरी, बिना हाली की खेती बिगड़े, बिना बालम के गोरी-गोरी।। कितना सुंदर होय गवैया, कंठ …
बिना बाप को बेटो बिगड़े, बिना मात की छोरी, बिना हाली की खेती बिगड़े, बिना बालम के गोरी-गोरी।। कितना सुंदर होय गवैया, कंठ …