देखो आई बसंत मतवारी रे बसंत पंचमी भजन लिरिक्स
फागुन के रंग उड़े, पुरवा के संग चले, चुनड़ के संग उड़े साड़ी रे, देखो आई बसंत मतवारी रे, देखो […]
फागुन के रंग उड़े, पुरवा के संग चले, चुनड़ के संग उड़े साड़ी रे, देखो आई बसंत मतवारी रे, देखो […]
माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं। श्लोक – सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा। माँ […]