दर दर हुए भटकों को दर पे तुम बुलाते हो लिरिक्स 25/02/2019 by Shekhar Mourya दर दर हुए भटकों को, दर पे तुम बुलाते हो, थक हार के आता है जो, सीने से लगाते हो, दर दर हुए … पूरा भजन देखें