माँ तेरा लाल पूछे,
एक ही सवाल है,
सर में क्यों डाला मैया,
रंग लाल लाल है,
सिर में क्यूँ डाला मैया,
रंग लाल लाल है।।
तर्ज – छुरिया चल जाए।
सीता माता बोली इससे,
पति की उम्र बढ़ेगी,
रक्षा सदा करेगी,
जिधर भी जाए पतिवर मेरे,
उनके कष्ट हरेगी,
उनके कष्ट हरेगी,
इसीलिए डाला मैंने,
रंग लाल लाल है,
इसीलिए डाला मैंने,
रंग लाल लाल है,
सिर में क्यूँ डाला मैया,
रंग लाल लाल है।।
हनुमत जी ने जब यह सोचा,
मेरे भी है स्वामी,
मेरे अंतर्यामी,
मैं भी इस रंग में रंग जाऊं,
अंग रहे ना खाली,
अंग रहे ना खाली,
रंग को लपेट तन में,
हुए लाल लाल है,
रंग को लपेट तन पर,
हुए लाल लाल है,
सिर में क्यूँ डाला मैया,
रंग लाल लाल है।।
रामचंद्र ने जब यह देखा,
भक्त बड़ा है भोला,
हां भक्त बड़ा है भोला,
दे दिया वरदान तभी यह,
मन का संशय खोला,
मन का संशय खोला,
चोला चढ़ेगा तुमपे,
कलयुग के काल में,
चोला चढ़ेगा तुम पर,
कलयुग के काल में,
सिर में क्यूँ डाला मैया,
रंग लाल लाल है।।
माँ तेरा लाल पूछे,
एक ही सवाल है,
सर में क्यों डाला मैया,
रंग लाल लाल है,
सिर में क्यूँ डाला मैया,
रंग लाल लाल है।।
गायक – शिवजीत शर्मा।
9802242932