शमशाना में खेलै मेरी माँ,
लेके न कटारी,
लेके न कटारी मां,
लेके न कटारी।।
हाथों में तेरे खप्पर,
गले म तेरे माला,
मेरी मैया का है,
रूप निराला,
आई भगतों के घर मेरी मां,
मुर्दे की ले सवारी,
शमशाना म खेलै मेरी मां,
लेके न कटारी।।
जिव्हा पर मां,
खून रचाकै,
खून त अपना,
खप्पर भरवाकै,
शमशाना त चली मेरी मां,
तू दे दे किलकारी,
शमशाना म खेलै मेरी मां,
लेके न कटारी।।
ऐसा भयंकर मां,
रूप बनाया,
तेरे सामने ना,
कोई टीक पाया,
झुकै चरणों में तेरे री मां,
ये सारे संसारी,
शमशाना म खेलै मेरी मां,
लेके न कटारी।।
गुरु राजेन्द्र तेरा,
भगत सयाणा,
याद करै तनै तेरा,
सुनील लदाणा,
सदा बनकै रहवैगा री मां,
यू तेरा पुजारी,
शमशाना म खेलै मेरी मां,
लेके न कटारी।।
शमशाना में खेलै मेरी माँ,
लेके न कटारी,
लेके न कटारी मां,
लेके न कटारी।।
गायक & लेखक – सुनील कुमार लदानियां।
Mob. – 99961-23336








