सेवक रखलो मात भवानी,
तुम अपने दरबार में,
करूँ बुहारी निशदिन मैया,
मैं तेरे दरबार में,
सेवक रखलों मात भवानी,
तुम अपने दरबार में।bd।
तर्ज – हमदम मेरे।
गंगाजल से मैं तेरे,
चरण पखारूंगा,
रोज नया श्रृंगार कर,
तुम्हे निहारूँगा,
चुनरिया लाऊंगा,
चोला सिलवाऊंगा,
किनारी गोटे की लगवा,
उसे मैं खूब सजाऊंगा,
सेवक रखलों मात भवानी,
तुम अपने दरबार में।bd।
चुन चुन कली गुलाब की,
हार बनाऊंगा,
अपने हाथों गूंथकर,
तुम्हे पहनाउंगा,
लगा कर के इतर,
तेरा महकाऊँ दर,
नजर लग जाए ना तुझको,
तुम्हारी नजर उतारूंगा,
सेवक रखलों मात भवानी,
तुम अपने दरबार में।bd।
रोज नए नीत प्रेम से,
भजन बनाऊंगा,
चरणों में तेरे बैठ के,
तुम्हे सुनाऊंगा,
करूँ दर्शन तेरा,
माँ हर लो दुःख मेरा,
दो आशीर्वाद बालक को,
सदा गुण तेरे गाऊंगा,
Bhajan Diary Lyrics,
सेवक रखलों मात भवानी,
तुम अपने दरबार में।bd।
सेवक रखलो मात भवानी,
तुम अपने दरबार में,
करूँ बुहारी निशदिन मैया,
मैं तेरे दरबार में,
सेवक रखलों मात भवानी,
तुम अपने दरबार में।bd।
Singer – Vijay Ji Soni