सतगुरु आप हो इष्ट हमारे,
पहले तुमको मनाते है।।
श्रवण मनन निधिदयासन करके,
ध्यान लगाते है,
हाथ जोड़कर देउ परिक्रमा,
शीश नवाते है,
पहले तुमको मनाते है।।
लज्जा तुम्हारे हाथ गुरासा,
सब दुख हरते हो,
असंग जुगा भूल हमारी,
क्षण में मिटाते हो,
पहले तुमको मनाते है।।
आप ही रामा आप ही लछमन,
कृष्ण कहलाते हो,
आपही ब्रम्हा आपही विष्णु,
शिवजी कहाते हो,
पहले तुमको मनाते है।।
जेसीराम जी सतगुरु मिल गया,
प्रेम पिलाते हो,
कहे गंगाराम सतगुरु शरणे,
मंगल गाते है,
पहले तुमको मनाते है।।
सतगुरु आप हो इष्ट हमारे,
पहले तुमको मनाते है।।
गायक – हरिकरण जी।
प्रेषक – शिवराज प्रजापत।
9352964491