सजी तेरी गलियां,
सजी है अंगनाई,
मैया तोरे आँगन में,
बाजे शहनाई।।
ढोल नगाड़े मृदंग बाजे,
तेरे भगत माँ झूम के नाचे,
बजत नगड़िया,
और बजत बधाई,
मैया तोरे आँगन में,
बाजे शहनाई।।
आरती गाए शंख बजाये,
कोई चमन के फूल चढ़ाये,
कोई खिलाये,
सबको मिठाई,
मैया तोरे आँगन में,
बाजे शहनाई।।
भीड़ लगी है आज तो भारी,
थिरक रहे है नर और नारी,
मन में सभी के,
खुशिया है छायी,
मैया तोरे आँगन में,
बाजे शहनाई।।
सजी तेरी गलियां,
सजी है अंगनाई,
मैया तोरे आँगन में,
बाजे शहनाई।।
स्वर – शहनाज़ अख्तर।
प्रेषक – सुरेन्द्र पवार।
9893280180








