नाचे कूदे लोग लुगाई,
और बजावे ताली,
ओगटा में माताजी की,
पैदल यात्रा चाली,
अरे माताजी का मेला में,
नाचे तगड़ी,
सड़किया भी सकड़ी पड़ गई,
मैया माया छह तगड़ी।।
हो सूरज सामें बना देवरु,
मूरत लगे तगड़ी,
मूरत ऊपर लाल चुनरी,
लागे घणी सुहानी,
माताजी के लाल चुनरी,
लागे घणी सुहानी,
हीरा पन्ना वाली माता,
नाक नथड़ी,
सड़किया भी सकड़ी पड़गई,
मैया माया छह तगड़ी।।
हो दूर देश का जातरी मां,
तारा दर्शन पावे,
पाला पाला होकर मया,
तारा मंदिर आवे,
अरे दुखि या ने सुखिया कर दे,
म्हारी मैया जी,
सड़किया भी सकड़ी पड़गई,
मैया माया छह तगड़ी।।
नो नौरता मेला लागे,
भीड़ जोरा लागी,
मेला माही डॉलर चकरी,
मैं भी जूली,
डॉलर चकरी झूल कर मां,
तारा दर्शन करती,
सड़किया भी सकड़ी पड़गई,
मैया माया छह तगड़ी।।
नाचे कूदे लोग लुगाई,
और बजावे ताली,
ओगटा में माताजी की,
पैदल यात्रा चाली,
अरे माताजी का मेला में,
नाचे तगड़ी,
सड़किया भी सकड़ी पड़ गई,
मैया माया छह तगड़ी।।
गायक – मुकेश गांवड़ी।
Upload – Nand Kishor Verma
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