रे मन हरि सुमिरन कर लीजे भजन लिरिक्स

रे मन हरि सुमिरन कर लीजे,
हरी को नाम प्रेम सो जपिये,
हरी रस रसना पीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



हरी गुण गाइये सुनिए निरंतर,

हरी चरणन चित्त दीजे,
हरी भक्तन की शरण ग्रहण करि,
हरी संग प्रीत करीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



हरि हित खाइये पहिरिये हरि हित,

हरि हित करम करिजे,
हरि हित हरिसन सब जग सी ये,
हरि हित मरिये जीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



रे मन हरि सुमिरन कर लीजे,

हरी को नाम प्रेम सो जपिये,
हरी रस रसना पीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।

Singer – Roopali Kusumkar


इस भजन को शेयर करे:

अन्य भजन भी देखें

अब तो आकर बांह पकड़ लो वरना मैं गिर जाऊंगा लिरिक्स

अब तो आकर बांह पकड़ लो वरना मैं गिर जाऊंगा लिरिक्स

अब तो आकर बांह पकड़ लो, वरना मैं गिर जाऊंगा, सागर इतना गहरा है की, डूब प्रभु मैं जाऊंगा, अब तो आकर बाँह पकड़ लो, वरना मैं गिर जाऊंगा।। तर्ज…

राजा दशरथ यूँ रो रो के कहने लगे वनवास भजन लिरिक्स

राजा दशरथ यूँ रो रो के कहने लगे वनवास भजन लिरिक्स

राजा दशरथ यूँ रो रो के कहने लगे, हाय वनवास मेरा दुलारा गया। दोहा – राम को जब तिलक की तैयारी हुई, फिर तो खुशियाँ अयोध्या में भारी हुई, चंद…

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

Leave a Comment

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे