हनुमान कहे दसमुख से,
क्यों तूने मत तेरी मारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
राम जी सब पर भारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी हैं।।
बल बुद्धि का हरदम तूने,
किया बड़ा अभियान,
तीनों लोक के स्वामी का तूने,
किया घोर अपमान,
इस दुनिया के प्रभु सियाराम जी,
पालनहारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी हैं।।
मात सिया का हरण किया,
तूने किया नीच का काम,
चिंता करते मेरे राम जी,
पल भर ना आराम,
सूर्पनखा की दई नाक काट,
अब तेरी बारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी हैं।।
बिलख रही माँ सिया,
राम से मिलने की थी आस,
मैं चाहूँ तो कर दूँ तेरा,
पल भर में ही नाश,
श्री राम की आज्ञा पे,
हमारी पूरी सेना वारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी हैं।।
सोच रहा तू बैठ महल में,
कैसे पाऊँ पार,
भोलेनाथ जी स्वयं ही जपते,
राम का नाम अपार,
तेरी नादानी का भोग भरे,
अब लंका सारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी हैं।।
हनुमान कहे दसमुख से,
क्यों तूने मत तेरी मारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी है,
तू पड़ जा चरणों में,
रामजी सब पर भारी हैं।।
गायक – नवरतन बोहरा।
प्रेषक – सुशील शर्मा।
गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)
मोबाईल – 9634319655








