दिव्य धरा यह भारती छलक रहा आनंद लिरिक्स
दिव्य धरा यह भारती, छलक रहा आनंद, नव सौंदर्य संवारती, शीतल मंद सुगंध, उतारे आरती जय माँ भारती, उतारे आरती ...
Read moreDetailsदिव्य धरा यह भारती, छलक रहा आनंद, नव सौंदर्य संवारती, शीतल मंद सुगंध, उतारे आरती जय माँ भारती, उतारे आरती ...
Read moreDetailsहम लोगों को समझ सको तो, समझो दिलबर जानी, जितना भी तुम समझोगे, उतनी होगी हैरानी, अपनी छतरी तुमको दे ...
Read moreDetailsकोटि कोटि हिन्दुजन का, हम ज्वार उठा कर मानेंगे, सौगंध राम की खाते हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को ...
Read moreDetailsकही पर्वत झुके भी है, कही दरिया रूके भी है, नहीं रूकती रवानी है, नहीं झुकती जवानी है।। गुरू गोबिंद ...
Read moreDetailsमीणा भाई रम जा रात अंधारी, काला कामला की गांति मार ले, कमरिया में भंवर कटारी।। आरड़े पारड़े करसा सुता, ...
Read moreDetailsओ गणराज मेरे, आया हूँ द्वार तेरे, ओ गणराज मेरें, आया हूँ द्वार तेरे।। तर्ज - नीले गगन के तले। ...
Read moreDetailsडाल रही वरमाला अब तो जानकी, दोहा - धनुष तोड़ा शिव जी का, श्री राम जी ने, जनक नंदनी मन ...
Read moreDetailsजान रहे ना रहे देश ज़िंदा रहे, मौत हो सामने ना डरो, बचाने में वतन की लाज, तू लड़ जाना ...
Read moreDetailsमनुष्य तू बडा महान है, धरती की शान तू है, मनु की संतान, तेरी मुठ्ठियों मे बंद तूफान है रे, ...
Read moreDetailsतू कान्हा मैं तेरी राधिका, आओ नृत्य करे दोऊ साथ, की मैं तेरी राधिका, आओ नृत्य करे दोऊ साथ, की ...
Read moreDetails© 2016-2025 Bhajan Diary