बाबा का दरबार सुहाना लगता है भक्तों का तो दिल दीवाना
बाबा का दरबार सुहाना लगता है, तर्ज – दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है बाबा का दरबार सुहाना लगता है, […]
बाबा का दरबार सुहाना लगता है, तर्ज – दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है बाबा का दरबार सुहाना लगता है, […]
अवध में छाई खुशी की बेला, लगा है अवध पुरी में मेला।। राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न, संग में नाचे हनुमत […]
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, तर्ज – ये माना मेरी जा। दोहा – देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल, […]
अब किसी महफ़िल में जाने, की हमें फुर्सत नहीं, दुनिया वालो को मनाने, की हमें फुर्सत नहीं।। एक दिल […]
तेरे बगैर साँवरिया, जीया नहीं जाये, तुम आके बाह पकड़लो, तो कोई बात बने।। ना जाने कौन सी, बाँकी अदा […]
परदे में बैठे बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये, आ गए तेरे दीवाने, जरा परदा हटाइए।। परदा तेरा हमे नही, मंजूर सांवरे, […]
एक राधा एक मीरा, दोनों ने श्याम को चाहा अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो, एक प्रेम दीवानी एक […]
मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी, दीवानी बन जाउंगी, मस्तानी बन जाउंगी, मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन […]
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम, साँवरे की बन्सी को बजने से काम, […]
चोख पुरावो माटी रंगावो, आज मेरे प्रभु घर आवेंगे, खबर सुनाऊ जो, ख़ुशी ये बताओ जो, आज मेरे प्रभु घर आवेंगे।। […]