पन्ना कालीवा अंधियारी माँझल रात पन्नाधाय की मार्मिक कविता

पन्ना कालीवा अंधियारी माँझल रात, अंधियारी आधी रात, नन्हा सो ऊंधियो साथ, चितोड दुर्ग सु एकली चली, कुम्भलगढ़ सु चाल ...

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