ओ धनिया थोडी मेहर करो,
दोहा – रामा कहूं के रामदेव,
हीरा कहूं के लाल,
जाने मिलिया रामदेव,
बाबो पल में किया निहाल।
ओ धनिया थोडी मेहर करो,
म्हारी नाव समंदरा डोले,
मैं सिमरू नाम थारो,
वाणी पल पल जय थारी बोले।।
दूर घणी परदेसा जासु,
हार हीरा रो था ताहि लियासु,
म्हारे मनडे में कपट रच्यो,
थासु झूठ बोलयों अनबोले,
मैं सिमरू नाम थारो,
वाणी पल पल जय थारी बोले।।
मैं खोटा कर्म कमाया आपजी,
निति रा फल देवे बापजी,
बाबे रा परचा मोटा घना,
वे तो भाग बराबर तोले,
मैं सिमरू नाम थारो,
वाणी पल पल जय थारी बोले।।
रो रो बोयतों अर्ज गुजारे,
डूबती नईया बाबो तारे,
केवे ‘सागर’ ‘भंवर’ सुनो,
बाबो किस्मत रा ताला खोले,
मैं सिमरू नाम थारो,
वाणी पल पल जय थारी बोले।।
ओ धणिया थोडी मेहर करो,
म्हारी नाव समंदरा डोले,
मैं सिमरू नाम थारो,
वाणी पल पल जय थारी बोले।।
प्रेषक – सागर भंवर।