ओ अवसर हे राम भजन रो,
सुता कोई मत रिज्यो रे,
जन्म मरण रो महा दुख मोटो,
राम भजन कर त्यागो रे।।
करणा हो सो अब कर लिज्ये,
जीवन जावे भागो रे,
पल पल आयु घटे तन छीजे,
ओ मरणो आवे आगो रे,
यो अवसर हे राम भजन को,
सुता कोई मत रिज्यो रे।।
जात पात कुल री मर्यादा,
लोभ बढाई त्यागो रे,
मोह माया री सार कल्पना,
राम भजन में लागो रे,
यो अवसर हे राम भजन को,
सुता कोई मत रिज्यो रे।।
रितो आयो रितो जासी,
भुखो प्यासो नागो रे,
माल खजाना छोड़ चलेगो,
संग न चाले धागो रे,
यो अवसर हे राम भजन को,
सुता कोई मत रिज्यो रे।।
जहां जाँऊ जहाँ काल घरां के,
जमड़ो लारे लागो रे,
सहज राम भज रामस्नेही,
कुछ नहीं रेवे धागो रे,
यो अवसर हे राम भजन को,
सुता कोई मत रिज्यो रे।।
ओ अवसर हे राम भजन रो,
सुता कोई मत रिज्यो रे,
जन्म मरण रो महा दुख मोटो,
राम भजन कर त्यागो रे।।
गायक – सुखदेव जी महाराज।
प्रेषक – भँवरलाल जाँगीड।
9890550772