मुझे कौन पूछता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं खुद को ढूंढता था,
तेरी बंदगी से पहले।।
मेरी जिंदगी थी ऐसी,
जैसे खाली सीप होती,
मेरी बढ़ गयी है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मैं दर दर भटक रहा था,
तेरी बंदगी से पहले,
मुझें कौन पुछता था,
तेरी बंदगी से पहले।।
मैं कुछ भी तो नहीं था,
मेरी कुछ नहीं थी हस्ती,
मैं यूँ भटक रहा था,
तूफान में हो कश्ती,
मैं बुझा हुआ दीया था,
तेरी बंदगी से पहले,
मुझें कौन पुछता था,
तेरी बंदगी से पहले।।
तू तो प्रभु बड़ा है,
तेरी रहमते बड़ी है,
तुझे क्या क्या हम बताए,
क्या दास पर पड़ी है,
ना गीत ना गला था,
तेरी बंदगी से पहले,
मुझें कौन पुछता था,
तेरी बंदगी से पहले।।
मुझे कौन पूछता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं खुद को ढूंढता था,
तेरी बंदगी से पहले।।
स्वर – पूज्य राजन जी महाराज।








