मारा सेठ जी रो नाम,
गोपाल जी रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे,
मारा कानुडा रो नाम,
गोपाल जी रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे,
थे तो गुजरीया रो चिर,
चुरावतो रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
गाया चरावे कानो,
बंसी बजावे,
यो तो गुजरिया रो,
चिर चुरावे रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
एक तो गुजरिया रे,
कनदोरो गडायो,
थारे मुरली जोर,
बनावा रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
एक तो गुजरिया के,
चटको गडायो,
थारे मुकुट जोर,
बनावा रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
एक तो गुजरिया के,
बाजुडो गडायो,
थारे पायल जोर,
बनावा रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
एक तो गुजरिया के,
नटडी गडायी,
थारे कुंडल,
जोर बनावा रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
एक तो पुष्कर जी,
लिख ने बतावे,
थारे शम्भु भाट,
गाय सुनावे रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
मारा सेठ जी रो नाम,
गोपाल जी रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे,
मारा कानुडा रो नाम,
गोपाल जी रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे,
थे तो गुजरीया रो चिर,
चुरावतो रे,
वा वा रे नन्द जी रा,
लाल जी रे।।
गायक – शम्भु भाट ताणा।
लेखक – पुष्कर मेहता।
मो. 8003289034