म्हारा पार्टनर आप साँवरा,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी,
राधा रुक्मण समज साँवरा,
मीठी धुन सुनाओ जी,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
बैकुंठा रा श्याम धनी ये,
मन्डफया माही आया जी,
अरे गढ़ चित्तोड़ जिला के माही,
भक्ता ने लुभाया जी,
कर्मा के घर आया साँवरा,
मारे गरे भी आज्यो जी,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
आप बिना व्यापार है सुना,
सगळा धंधा पानी जी,
रोम रोम गट गट के वासी,
दूजी बात न जानी जी,
म्हारा पार्टनर आप साँवरा,
बैठा हुक्म चलाओ जी
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
जरियन बागों और किनारी,
अधर पे मुरली सोवे जी,
सांवली सुरतिया मोहनी मुरतीया,
भक्ता रो मनड़ो मोयो जी,
कुंडल याला नैन विशाला,
राधेश्याम कहावो जी,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
कृष्ण कन्हैया नटवर नागर,
गोकुल मथुरा के वासी जी,
सेठा का हो सेठ साँवरा,
पार कोई नही पासी जी,
गणा नोट बाटो भक्ता ने,
कार मोटरा लावो जी,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
जतरी करा रे बड़ाई कम है,
दिन दुखी दातार की,
जो मांगे वो ही दे देवे,
कमी नही भंडार की,
महादेवा कहे नारायण की,
हरदम कलम चलावो जी,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी,
राधा रुक्मण समज साँवरा,
मीठी धुन सुनाओ जी,
दर्शन देवो सेठ साँवरा,
मत माने तरसावो जी।।
गायक – मुकेश महादेवा।
लेखक – नारायण जी।
प्रेषक – किशन धाकड़।
9001361914








