कष्ट मिटाओ संकट काटो,
मेरे भैरव देव,
तुम ही जगत के हो रखवाले,
नाकोड़ा के देव,
मेरी किस्मत मुझे,
नाकोडा जी ले लाई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आईं,
तेरी कृपा से ये जिन्दगी,
क्या रंग लाई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आई।।
तर्ज – रान्झेया वे।
मेरी सांस भी तुम,
एहसास भी तुम,
कभी टूटे ना,
विश्वास भी तुम,
भैरव देव तेरी,
भक्ति मुझे रास आई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आई।।
अजर अरूपी,
और अविनाशी,
जग में तू ही,
तो है निरागी,
सूरत सुंदर,
अचरज है जी,
जग जन ने,
कर रागी,
अँखियाँ हरखन लागी,
हमारी अँखियाँ,
हरखन लागी।।
मेरी शान भी तुम,
मेरा मान भी तुम,
मेरी जीवन की,
पहचान भी तुम,
तूने टाली जो मुसीबत,
मेरे सर आई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आई।।
मेरे नैन भी तुम,
सुख चैन भी तुम,
मेरे दिन भी तुम,
मेरी रैन भी तुम,
“दिलबर” किशन को जब,
दादा तेरी याद आई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आई।।
कष्ट मिटाओ संकट काटो,
मेरे भैरव देव,
तुम ही जगत के हो रखवाले,
नाकोड़ा के देव,
मेरी किस्मत मुझे,
नाकोडा जी ले लाई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आईं,
तेरी कृपा से ये जिन्दगी,
क्या रंग लाई,
मेरी अँखियाँ ये,
खुशियो से भर आई।।
गायक – किशन गोयल / सेजल डोशी।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365