मारा जीवन मारी खुशियां,
साँवरिया सरकार की,
सिर पर हाथ है साँवरिया को,
कमी है कई बात की।।
जब सु थाकि शरणा आयो,
आस लगी दरबार की,
मारा घर को काम चलायो,
कृपा मारे नाथ की,
मारा जीवन मारी खुशियाँ,
साँवरिया के नाम की।।
थारे हवाले जिन्दगी मारी,
टेशन हे काई बात की,
दुनिया जले तो जलवा देरे,
कृपा मारा नाथ की,
मारा जीवन मारी खुशियाँ,
साँवरिया के नाम की।।
साँवरिया ने जब भी पुकारू,
दोड्या चला आवे जी,
कानुडा ने जब भी पुकारू,
दोड्या चला आवे जी,
मारा दुख का दिनड़ा मारो,
साँवरियो मिटावे जी,
मारा जीवन मारी खुशियाँ,
साँवरिया के नाम की।।
सोयी मारी किस्मत ने,
साँवरियो जगाई जी,
मारे घर को राशन पानी,
साँवरियो चलावे जी,
मारा जीवन मारी खुशियाँ,
साँवरिया के नाम की।।
पुरण योतो भजन बणावै,
गाँव सुखामण्ड वालो जी,
कृपा करदे साँवरिया मैं,
थारे भरोसे बैठो जी,
मारा जीवन मारी खुशियाँ,
साँवरिया के नाम की।।
मारा जीवन मारी खुशियां,
साँवरिया सरकार की,
सिर पर हाथ है साँवरिया को,
कमी है कई बात की।।
गायक एवं लेखक – पुरण जी गुर्जर।
प्रेषक – देव वैष्णव नवानियाँ मेवाड़।
+91 70142 62345