माँ सबके काम बणावै,
बैठी बीच चौराहे में,
बैठी बीच चौराहे में,
बैठी बीच चौराहे में,
मां सबके काम बणावे,
बैठी बीच चौराहे में।।
तर्ज – तेरी तेल की ज्योत जगादी।
जो मां के चौंक पै जाते,
और मां नै रोज नुहवाते,
जो रटता माँ का नाम,
बैठी बीच चौराहे में,
मां सबके काम बणावे,
बैठी बीच चौराहे में।।
इसकी सैनक शक्तिशाली,
ना कदे भी जावै खाली,
मां जड़ तै रोग मिटावै,
बैठी बीच चौराहे में,
मां सबके काम बणावे,
बैठी बीच चौराहे में।।
या जिसकी बणै हिमाती,
सच्ची दुख सुख की साथी,
फेर शिखर में हवा चढावै,
बैठी बीच चौराहे में,
मां सबके काम बणावे,
बैठी बीच चौराहे में।।
जब मंजीत ने अजमाई,
जुएं में बैठी पाई,
संजू के मुख ते गावै,
बैठी बीच चौराहे में,
मां सबके काम बणावे,
बैठी बीच चौराहे में।।
माँ सबके काम बणावै,
बैठी बीच चौराहे में,
बैठी बीच चौराहे में,
बैठी बीच चौराहे में,
मां सबके काम बणावे,
बैठी बीच चौराहे में।।
गायक – संजू हरियाणवी।
प्रेषक – विजय सोनी।
9896945003
आशीर्वाद – गुरु जी श्री कृष्ण जुंआ वाले।
9813297388