माँ चिंतपूर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता,
हो जिसके सर पे मां का हाथ,
उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता।।
जो होगा अच्छा ही होगा,
क्यों व्यर्थ में चिंता करता है,
चिंता है चिता बंदे,
क्यों मौत से पहले मरता है,
जिसके मां सवारे काज,
उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता।।
हो चिंता दूर जिस दर पे,
वो दर है चिंतपूर्णी का,
जहां खुशियां ही खुशियां है,
वो दर है मंगल करणी का,
जिसका थाम ले दाती हाथ,
उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता।।
तू चिंता क्यों करें “उत्तम”,
जब चिंता मां करे तेरी,
सौंप दे हाथ में उसके,
तू अपने जीवन की डोरी,
जो रखता दाती पे विश्वास,
उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता।।
माँ चिंतपूर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता,
हो जिसके सर पे मां का हाथ,
उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ,
उसे किस बात की चिंता।।
गायक व लेखक – राजू उत्तम।
9872573004
संगीत- गगन सिद्धू।
लेबल – उत्तम रिकार्ड।