कर दो क्षमा किशोरी,
अपराध मेरे सारे,
बड़ी आस लेके आई,
दरबार में तुम्हारे।।
तुम्हरी कृपा से श्यामा,
चलती है सारी सृष्टि,
सदियों से रो रही हूँ,
डालो कृपा की दृष्टि,
उद्धार और पतन है,
उद्धार और पतन है,
सब हाथ में तुम्हारे,
बड़ी आस लेके आई,
दरबार में तुम्हारे।।
सपने में भी थकुं ना,
श्री राधा नाम जप से,
मैं भी संवारू जीवन,
गहवर में घोर तप से,
मेरी भी झोपड़ी हो,
मेरी भी झोपड़ी हो,
बरसाने में तुम्हारे,
बड़ी आस लेके आई,
दरबार में तुम्हारे।।
रसिको के झुरमुटो में,
मुझको छिपा लो श्यामा,
चेतन की चाह ना हो,
जड़ ही बना लो राधे,
जी भर परख लिए है,
जी भर परख लिए है,
संसार के सहारे,
बड़ी आस लेके आई,
दरबार में तुम्हारे।।
इतने गुनाह किए है,
मेरे होंठ सिल गए है,
फिर भी कृपा है तेरी,
तेरे दास मिल गए है,
हरिदासी रो रही है,
हरिदासी रो रही है,
दोनों भुजा पसारे,
बड़ी आस लेके आई,
दरबार में तुम्हारे।।
कर दो क्षमा किशोरी,
अपराध मेरे सारे,
बड़ी आस लेके आई,
दरबार में तुम्हारे।।
Singer – Sadhvi Purnima Ji