कन्हैया बड़ी कातिल,
नजर है तुम्हारी,
कातिल नजर है तुम्हारी,
कन्हैया बडी कातिल,
नजर है तुम्हारी।।
नैनन से जब लड़ाई भई है,
लड़ाई भई है लड़ाई भई है,
तुम जीते मैं हारी,
कन्हैया बडी कातिल,
नजर है तुम्हारी।।
इन नैनन से मीरा लड़ गई,
मीरा लड़ गई मीरा लड़ गई,
छोड़ दिया घर अटारी,
कन्हैया बडी कातिल,
नजर है तुम्हारी।।
इन नैनन से कुब्जा लड़ गई,
कुब्जा लड़ गई कुब्जा लड़ गई,
सुंदर बना दई नारी,
कन्हैया बडी कातिल,
नजर है तुम्हारी।।
इन नैन से राधा लड़ गई,
राधा लड़ गई राधा लड़ गई,
विरह में तड़पे बेचारी,
कन्हैया बडी कातिल,
नजर है तुम्हारी।।
कन्हैया बड़ी कातिल,
नजर है तुम्हारी,
कातिल नजर है तुम्हारी,
कन्हैया बडी कातिल,
नजर है तुम्हारी।।
स्वर – श्री अंकुश जी महाराज।
प्रेषक – ओमप्रकाश पांचाल उज्जैन मध्य प्रदेश।
9926652202