कब सुध ले हो,
राम भजन की,
माया मोह,
लगन तोहे धन की,
कब सुधि ले हो,
राम भजन की।।
राधा बिन श्याम की,
जोड़ी किस काम की,
मीरा दीवानी हाय,
मोहन के नाम की,
किस विधि बोलूं श्याम,
मीरा लगन की,
कब सुधि ले हो,
राम भजन की।।
वेद और व्यास भए,
कवि सूरदास भए,
लगन मैं मगन भए ऐसे,
हृदय प्रभु वास भए,
लग्न में मगन है तुलसी,
खबर लो ना तन की,
कब सुधि ले हो,
राम भजन की।।
वेद और पुराण की,
बातें हनुमान की,
छाती में छवि को पाया,
जिसने भगवान की,
गोपालो रज को पालो,
चित्रकूट वन की,
कब सुधि ले हो,
राम भजन की।।
कब सुध ले हो,
राम भजन की,
माया मोह,
लगन तोहे धन की,
कब सुधि ले हो,
राम भजन की।।
गायक – गोपाल ठाकुर / संध्या राठौर
प्रेषक – दुर्गा प्रसाद पटेल (समन्ना)