ज्योता जागे रे ज्योता जागे रे,
ज्योता जागे रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में,
नागणेची रे मन्दिर में,
माताजी रे मन्दिर में।।
राव दुहड जी पीथल जी ए,
कन्नौज गढ़ सु लावे,
चील पंखिनी रो रुप धारने,
गढ़ नागोणा आवे,
रुप नागिनी रो धार भवानी,
गढ़ नागाणा बिराजे,,
ज्योता जागें रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में।।
ऊंचे आसन मात बिराजे,
भगतो ने दर्शन देवे,
ऊंचे भाखर मात बिराजे,
भगतो ने दर्शन देवे,
आरतियां री वेला पधारो,
ढोल नगाड़ा बाजे,
ज्योता जागें रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में।।
सातम वाली रात पधारो,
मां ने भगत बुलावे,
दूर देशारा आवे जातरी,
दर्शन कर सुख पावे,
नवराता में मेलो लागे,
जय जयकार लगावे,
ज्योता जागें रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में।।
राठौडो री कुलदेवी मां,
भगतो रा कारज सारे,
ले मनडा में आस भवानी,
भगत द्वारे आवे,
जो नर साचे मन सु ध्यावे,
मन इच्छा फल पावे,
ज्योता जागें रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में।।
किशोर नीरु प्रजापति,
मां थारे चरना आवे,
सगला दुखड़ा दूर करो मां,
चरना शिश निवावे,
*मनीष सीरवी* महीमा बनावे,
भगत *अशोक* ओ गावे,
ज्योता जागें रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में।।
ज्योता जागे रे ज्योता जागे रे,
ज्योता जागे रे नागाणा,
नागणेची रे मन्दिर में,
नागणेची रे मन्दिर में,
माताजी रे मन्दिर में।।
गायक – अशोक जी चौहान व दिव्या जी चौहान।
लेखक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।








