जो श्याम को ध्याता है,
वो मौज उड़ाता है,
जी भर के श्याम भजो,
व्यर्थ ना जाएगा,
ना जाने किस घड़ी,
तुम्हारे काम ये आएगा,
जो श्याम को ध्याता हैं,
वो मौज उड़ाता है।bd।
तर्ज – क्या खूब लगती हो।
श्री श्याम से जोड़ो नाता,
हां नाता,
समझो इसको,
अपना भाग्य विधाता,
ये जिसको भी अपनाता,
अपनाता,
उसकी खातिर,
क्या से क्या कर जाता,
संकट की घड़ियों में,
दौड़ा आता है,
भरी सभा में आकर के,
ये लाज बचाता है,
जो श्याम को ध्याता हैं,
वो मौज उड़ाता है।bd।
जो श्याम का चिंतन करता,
हां करता,
उसकी चिंता,
श्याम धनी को रहती,
खुद को रोक ना पाता,
हां पाता,
जब अंखियों से,
प्रेम की धारा बहती,
प्रेमी की व्याकुलता,
देख ना पाता है,
प्रेमी के हर असुवन का,
वो मोल चुकाता है,
जो श्याम को ध्याता हैं,
वो मौज उड़ाता है।bd।
यदि प्रीत तुम्हारी सच्ची,
हां सच्ची,
और मान लिया,
श्याम को सब कुछ अपना,
रे मन तू क्यों घबराए,
हां घबराए,
पूरा होगा,
जीवन का हर सपना,
‘बिन्नू’ जो श्याम भजे,
सब कुछ पाता है,
उसका तो ये मानव जीवन,
धन्य हो जाता है,
जो श्याम को ध्याता हैं,
वो मौज उड़ाता है।bd।
जो श्याम को ध्याता है,
वो मौज उड़ाता है,
जी भर के श्याम भजो,
व्यर्थ ना जाएगा,
ना जाने किस घड़ी,
तुम्हारे काम ये आएगा,
जो श्याम को ध्याता हैं,
वो मौज उड़ाता है।bd।
Singer – Rajni Ji Rajasthani
Lyrics – Binnu Ji








