झूमी ऐ झूमी महाकाली मेरी आज,
आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
हो संकट बैरी उधम मचा रहा,
ला ला किलकी मन्ने डरा रहा,
चढ़ता री चढ़ता मेरै डर कै मारे ताप,
हे री आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
कोई कहता इन्हे मरघट वाली,
कोई कहता मशाणे आली,
सुण ले री सुण ले चौगानण वाली मात,
हे री आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
हो सोऊँ तो या सोवण ना दे,
खाऊं सूं तो खावण ना दे,
जागूँ री जागूँ मेरा दिन तै हो जा रात,
हे री आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
हो लम्बे लम्बे केश खिंडाले,
हाथ मैं एक बै खप्पर ठाले,
पकड़या री पकड़या इन दुषटा नै मेरा हाथ,
हे री आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
हो दुःख सहया ना जा दर्श करादे,
केह करिश्मा तू कस्ट मिटादे,
लेयादे री लेयादे इस संकट की तू स्यात,
हे री आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
झूमी ऐ झूमी महाकाली मेरी आज,
आजा री आजा संकट तोड़ै गात।।
गायिका – करिश्मा & मीनाक्षी शर्मा।
प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।