जीवन है अनमोल,
इसके दाग लगाईयो ना,
मात पिता की आत्मा ने,
कदे दुखाईयो ना।।
मात पिता के चरना में,
तने सुख मिलज़ा यो सारा रे,
बेटा हो चाहे चोर लुटेरा,
वो मां ने लागे प्यारा रे,
ममता की इस देंबी का कदे,
मान घटाईयो ना,
मात पिता की आत्मा ने,
कदे दुखाईयो ना।।
मन पापी तो गफलत के महा,
रहता बेईमान रे,
जिसका मन काबू मैं होता,
वो सच्चा इंसान र,
देख पराई झोपडी कदे,
मन ललचाइयो ना,
मात पिता की आत्मा ने,
कदे दुखाईयो ना।।
हिसार जिले में कह शीशरिया,
मिले गुरु ते प्यार रे,
सुमित कलानौर की बता पे,
थोड़ा धड़ले ध्यान रे,
बैठी गऊ के लात मारके,
कदे उठाईयो ना,
मात पिता की आत्मा ने,
कदे दुखाईयो ना।।
जीवन है अनमोल,
इसके दाग लगाईयो ना,
मात पिता की आत्मा ने,
कदे दुखाईयो ना।।
गायक – सुमित कलानौर।