जय जय नखत तपधारी,
सिद्ध आप कलयुग में अवतारी।।
दादा आप हो कानू के लाला,
जन्म भौम हैं आपरी चारणवाला,
बाई सुगना रा वीर कही जों,
सदा भक्तो रे हीरदे में रहीजो,
मरूधर धरती में धाम तुम्हारी,
धणी आप हो घुड़ले अससवारी,
जय-जय नखत तप धारी,
सिद्ध आप कलयुग में अवतारी।।
पिछम धोरा में भीड़ लगाई,
दादीसा रे नैणा में ज्योत जलाई,
सुखी बोरटडी़ ने हरी रे करायी,
काकीसा रे कडी़या री पीड़ मिटायी,
काकोसा री गाय ढाणी जद लाया,
धणी कानुसिंह जी रा भ्रम मिटाया,
कलयुग में नखत सिद्ध पर्चा दिया भारी,
चारणवाले हर साल पैदल आवे नर नारी,
जय-जय नखत तप धारी,
सिद्ध आप कलयुग में अवतारी।।
चानंणी पाचंम जद भादवे री आवे,
चारणवाले में भक्तों री भीड़ लग जावे,
नित उठ नखत रो नाम जो लेवे,
जिया रे रोग दोष सब मिट जावें,
भंवरु कारीगर करे सेवा सिद्धा री,
धणी आप अर्ज सुन लीजो हमारी,
जय-जय नखत तप धारी,
सिद्ध आप कलयुग में अवतारी।।
जय जय नखत तपधारी,
सिद्ध आप कलयुग में अवतारी।।
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